December 1, 2025 7:28 am

जप तप का पर्व नवपद ओली का हुआ समापन, आयंबिलकर्ताओं की हुई अनुमोदना….

Sarjit Singh

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जीवन मे दुखों का कारण याद वाद स्वाद: श्रुतानंद

जप तप का पर्व नवपद ओली का हुआ समापन, आयंबिलकर्ताओं की हुई अनुमोदना….

जीवन मे दुखों का कारण याद वाद स्वाद: श्रुतानंद

बीकानेर, @MaruSangram। जैन धर्म का जप तप का महामंगलकारी शाश्वत त्यौंहार नवपद ओलीजी का आज समापन हो गया।

बीकानेर में चार्तुमास विहार पर पधारे गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी के शिष्यरत्न मुनि पुष्पेन्द्र म सा व प्रखर प्रवचनकार मुनि श्रुतानंद महाराज साहेब द्वारा सम्यग् तप अर्थात सम्यक तपस्या पर उपदेश दिया।

मुनि श्रुतानंद ने कहा कि सम्यग् तप का अर्थ है सही परिप्रेक्ष्य में तपस्या। इस संदर्भ में तपस्या का अर्थ है सांसारिक इच्छाओं से दूर रहना। सम्यग् तप का उद्देश्य संतुलन में रहना है। संतुलन को आगे दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया हैः आंतरिक और बाह्य। उपवास, तपस्या आदि बाह्य संतुलन के ही कुछ प्रकार हैं।

व्यावहाकि जीवन मे संतुलन बनाये रखना है तो याद वाद और स्वाद के कषायों में नही पड़ना चाहिए क्योंकि यही जीवन में दुखों का कारण है। सम्यग् तप का प्रतीक सफेद रंग है। नवपद ओली के अंतिम दिन, शुक्ल पूर्णिमा को केवल उबले हुए चावल खाकर आयंबिल मनाया जाता है।

आयंबिल में दिन में केवल एक बार सादा भोजन किया जाता है, जिसमें कोई विशेष स्वाद और मसाले नहीं होते, जिसे बिना तेल,घी, मसाले के उबाला या पकाया जाता है, साथ ही दूध, दही, हरी और कच्ची सब्जियां नहीं खाई जाती हैं।

आयंबिल को प्रतिदिन एक प्रकार के अनाज तक सीमित रखा जा सकता है। नवपदजी ओली तप शाश्वती माने जाते हैं, जिसका अर्थ है स्थायी। इसका मतलब है कि नवपद ओली उत्सव सभी समय चक्रों (भूत, वर्तमान और भविष्य) में मौजूद है।

जैन मुनि के अनुसार प्रतिदिन सिद्धचक्र के नवपद पदों की पूजा की गई जिनमे प्रथम दिन अरिहंत से लेकर सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु – पंच परमेष्ठी व दर्शन, ज्ञान, चरित्र और आज अंतिम दिन तप की जिनशासन पद्धति से आराधना शामिल है।

प्रवचन से पूर्व मुनि पुष्पेन्द्र म सा द्वारा अरिहंत व गुरु वंदन कर नवपद ओली जी के अंतिम दिन की प्रदक्षिणा मंत्र, वर्ण, गुण, खमासमण, धान्य दिया गया तथा दोपहर तीन श्रीपाल मैना चारित्र का पाठ, विमलनाथ परमात्मा का जाप किया।

मंदिर श्री पदम प्रभु के अजय बैद के अनुसार चातुर्मास समिति के सुरेंद्र बद्धानी, शांतिलाल कोचर हनुजी, शांति लाल भंसाली, विनोद देवी कोचर, शांति लाल सेठिया के संयोजन से चल रहे चार्तुमास आयोजन मे आज की संघ पूजा तथा प्रभावना का लाभ पारस कुमार, अभिषेक सुराणा तथा ओसवाल साॅप परिवार, जयपुर द्वारा लिया गया।

आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि रविवार को पौषध शाला सुबह 9 बजे से विजय वल्लभ शाॅपिंग माॅल का आयोजन होगा तथा दोपहर 12 बजे चार्तुमास समिति की ओर से गौड़ी पार्श्वनाथ भवन मे साधर्मिक स्वामी वत्सल का आयोजन होगा।

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Author: Sarjit Singh

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