December 1, 2025 6:39 am

मां के पेट पर चीरा लगाए बिना निकाली किडनी: राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ; बेटे को ट्रांसप्लांट की गई, 3 घंटे चली सर्जरी……

Sarjit Singh

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मां के पेट पर चीरा लगाए बिना निकाली किडनी

मां के पेट पर चीरा लगाए बिना निकाली किडनी: राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ; बेटे को ट्रांसप्लांट की गई, 3 घंटे चली सर्जरी……

जोधपुर, @MaruSangram। जोधपुर एम्स में अब तक 52 सफल किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं।
जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किडनी ट्रांसप्लांट का एक दुर्लभ ऑपरेशन किया गया। इसमें पहली बार नया प्रयोग भी किया गया।
एक महिला डोनर के पेट पर कट लगाए बिना उसके प्राइवेट पार्ट से किडनी निकालकर उसके बेटे को ट्रांसप्लांट की गई है। दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है।

23 सितंबर को भर्ती हुआ था उदयपुर का युवक
एम्स के यूरोलॉजिस्ट डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि उदयपुर निवासी 32 वर्षीय युवक को हाइपरटेंशन के चलते किडनी खराब होने की शिकायत हुई। इसके चलते वह जोधपुर एम्स में दिखाने आया। यहां सभी तरह की जांच के बाद उसे 23 सितंबर को भर्ती कर लिया गया। परिजनों को किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई।

परिजनों की सहमति और जांच के बाद 25 सितंबर को ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद ट्रांसप्लांट की गई किडनी अच्छे से काम कर रही है। मां-बेटे दोनों स्वस्थ हैं।

एम्स जोधपुर में हो चुके 52 किडनी ट्रांसप्लांट
एम्स यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एएस संधू ने बताया कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला ट्रांसप्लांट है। एम्स में अब तक 52 सफल किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। इसमें 48 मरीजों में परिवार के ही सदस्य ने किडनी डोनेट की। वहीं 4 मरीजों को कैडवर किडनी ट्रासप्लांट किया गया। एम्स में आयुष्मान योजना में ट्रांसप्लांट निशुल्क किया गया।

ऑपरेशन करने वाली टीम
एम्स यूरोलॉजी विभाग से डॉ. एएस संधू, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेन्द्र सिंह, एडिशनल प्रोफेसर डॉ. गौतमराम चौधरी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवचरण नावरिया, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपक भीरुड, प्रवीण और अतुल शामिल थे। नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. मनीष चतुर्वेदी, डॉ. राजेश जोरावट, एनेस्थिसिया विभाग से डॉ. प्रदीप भाटिया व डॉ. अंकुर शर्मा ने सहयोग किया।

डोनर महिला 2 दिन में ही डिस्चार्ज
डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि ऑपरेशन डॉ. एएस संधू के नेतृत्व में किया।

युवक को मां (50) ने किडनी दी। इस बार नई तकनीक से किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। ऑपरेशन में करीब 3 घंटे लगे।

सामान्य किडनी ट्रासंप्लांट का ऑपरेशन दूरबीन तकनीक से किया जाता है। जिसमें छोटा सा चीरा लगाता है। जबकि इस ऑपरेशन में डोनर के पेट में बिना चीरा लगाए गुप्तांग से निकाली गई। महिला को 2 दिन बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया।

Sarjit Singh
Author: Sarjit Singh

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