June 11, 2025 8:06 am

लागू हो गया CAA, मोदी सरकार का बड़ा ऐलान; केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन…..

Sarjit Singh

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pm modi

लागू हो गया CAA,

लागू हो गया CAA, मोदी सरकार का बड़ा ऐलान; केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन…..

New Delhi, @MaruSangram। मोदी सरकार ने सीएए को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया गया है। इसको लेकर सोमवार को बड़ा ऐलान हो गया। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सीएए के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसको लेकर अनुमान लग रहा था।

मोदी सरकार ने सीएए को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया गया है। इसको लेकर सोमवार को बड़ा ऐलान हो गया।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सीएए के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी।

सीएए नियम जारी किये जाने के बाद, बगैर दस्तावेज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदुओं, सिखों को नागरिकता मिलेगी। इसके लिए इन लोगों को केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर अप्लाई करना होगा।

गौरतलब है कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था।

इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता का प्रस्ताव दिया गया था। इसके नियमों के मुताबिक नागरिकता से जुड़े अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होंगे।

यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक अधिसूचित किया जाना बाकी था, लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है।

संसदीय कार्य नियमावली के अनुसार, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की मंजूरी के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए अन्यथा सरकार को लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों से अवधि में विस्तार करने की मांग करनी होगी।

2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समिति से नियमित अंतराल पर अवधि में विस्तार प्राप्त करता रहा है। 

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। एक अधिकारी ने कहा, आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

27 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए को लागू होने से को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है।

इस बीच, पिछले दो वर्षों में नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला अधिकारियों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम-1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं।

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक इन तीन देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई।

वे नौ राज्य जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता दी जाती है उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं।

असम और पश्चिम बंगाल में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है, लेकिन सरकार ने इन दोनों राज्यों में से किसी भी जिले को अब तक नागरिकता प्रदान करने की शक्ति नहीं प्रदान की है।

सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) लागू कर दिया गया है।

गृह मंत्रालय ने इसे लेकर सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया। मंत्रालय की ओर से कहा गया, ‘गृह मंत्रालय (MHA) आज नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA-2019) के तहत नियमों को अधिसूचित करेगा। नागरिकता संशोधन नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे जिसके लिए एक वेब पोर्टल प्रदान किया गया है।’ सवाल उठता है कि CAA क्या है और इसे लेकर इतना हंगामा क्यों मचा हुआ है। चलिए हम आपको बताते हैं…

सबसे पहली बात यह कि सीएए नागरिकता से जुड़ा कानून है। इसके लागू होने से तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी, जो प्रताड़ना का शिकार होकर दिसंबर 2014 तक भारत आए। इसमें गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) शामिल हैं। नागरिक पहली बार साल 2016 में लोकसभा में पेश हुआ। यहां से यह पास हो गया मगर राज्यसभा में अटक गया था। कुछ समय बाद इसे संसदीय समिति को भेज दिया गया। तब तक 2019 का लोकसभा चुनाव आ गया। एक बार फिर से मोदी सरकार बनी और दिसंबर, 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया। अबकी बार यह लोकसभा और राज्यसभा दोनों

में पास हो गया।

नागरिकता को लेकर क्या हैं प्रावधान
मालूम हो कि नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जानी है।

CAA के तहत प्रावधान है कि जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बसे, उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी। इसके तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी बताया गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए। या फिर ऐसे लोग जो वैध दस्तावेज लेकर भारत में आए मगर तय अवधि से ज्यादा समय तक यहीं रुके रहे।

CAA को लेकर कई जगहों पर हुए प्रदर्शन
10 जनवरी 2020 को इस अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक अधिसूचित किया जाना बाकी था, लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है।

संसदीय कार्य नियमावली के अनुसार, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की मंजूरी के 6 महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए। नहीं तो, सरकार को लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों से अवधि में विस्तार करने की मांग करनी होगी। वर्ष 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समिति से नियमित अंतराल पर अवधि में विस्तार प्राप्त करता रहा है।

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

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